क्या खतना जरूरी है या नहीं ? और इससे शरीर को क्या-क्या नुकसान और फायदे पहुंचते हैं

इस समय यूरोपीय देशों में खतना (सुन्नत) एक बहस का विषय बना हुआ है। इस विषय पर विवाद तब शुरू हुआ जब जर्मन के कोलोन शहर के जिला अदालत ने यह फैसला सुनाया की खतना कराना बच्चों के शरीर को कष्ट पहुंचाने के बराबर है। हाल ही में अमेरिका स्थित शिकागो में बाल रोग पर शोध करने वाली संस्था, 'द अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडीऐट्रिक्स' का एक बड़ा बयान सामने आया कि नवजात बच्चों में किए जाने वाला खतना स्वास्थ्य के अनुसार बड़ा ही फायदेमंद हैं। तो आइए, जान लेते हैं कि क्या खतना कराना सही में फायदेमंद है या नहीं..


खतना भले ही किसी धर्म या संप्रदाय से जुड़ा हुआ है, परंतु समय-समय पर हो रहे शोध के अनुसार यह सिद्ध किया जा रहा है कि यह स्वास्थ्य के नजरिए से काफी लाभकारी है। वैज्ञानिकों ने भी यह सबूत दिया है कि जो बच्चे इस प्रक्रिया से गुजरते हैं उनमें कई तरह के इंफेक्शन और कैंसर का खतरा खत्म हो जाता है।

खतना से होने वाले फ़ायदे

खतना कराने से पेशाब की नली में संक्रमण का खतरा खत्म हो जाता है। क्योंकि इस प्रक्रिया में बच्चो (लड़के) के प्राइवेट पार्ट के आगे कि अनावश्यक चमड़े को काट कर हटा दिया जाता है, जो कि संक्रमण का खतरा बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं।

संबंध बनाने से होने वाले रोगों से हिफाज़त

खतना कराने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे पुरुषों में एचआईवी एड्स होने का खतरा बहुत ही कम हो जाता है। इसके अलावा और भी गंभीर संचारित बीमारियां जैसे कि सिफलिस और शैन्क्रोयड से भी बचा जा सकता है।


संबंध बनाने में आसानी


चिकित्सकों का यह कहना है कि खतना कराने के बाद पुरुषों का प्राइवेट पार्ट थोड़ा कम संवेदनशील हो जाता है जिससे कि पुरुष देर तक आसानी से संबंध बना पाते हैं।

कैंसर से बचाव

खतना कराने वाले पुरुषों को प्राइवेट पार्ट संबंधी कैंसर नहीं होता है। इसके साथ-साथ ये महिलाओं को भी सर्वाइकल कैंसर का शिकार होने से भी सुरक्षित रखता है।

खतना से होने वाले नुकसान


अगर खतना किसी चिकित्सक या विशेषज्ञ से न कराया जाए तो यह स्वास्थ्य को हानि भी पहुंचा सकता है। खतना से उत्पन्न होने वाला घाव ठीक होने में थोड़ा समय (7-20 दिन) लगा देता है।

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